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बाबा फरीद यूनिवर्सिटी की ग्वर्निंग बाडी से मुलाकात जल्द : ढोसीवाल -- मामला साढे छ: करोड़ वित्तीय बेनियमी का --


श्री मुक्तसर साहिब, 02 अप्रैल (विपन मित्तल ) पंजाब सरकार ने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आफ हैल्थ साईंसज फरीदकोट की ग्वर्निंग बाडी (बोर्ड ऑफ मैनेजमैंट) का गठन किया हुआ है। डॉ. गुरप्रीत सिंह वांडर की चेयरमैनशिप वाली इस बाडी में करीब बारह मैंबर शामिल हैं। विधायकों और विभिन्न क्षेत्रों के माहिर डाक्टरों और विद्वानों को इस बाडी में मैंबर नियुक्त किया गया है। यूनिवर्सिटी द्वारा अहम और वित्तीय मामलों संबंधी इसी ग्वर्निंग बाडी से पूर्व प्रवानगी लेनी अनिवार्य है। परंतु उक्त यूनिवर्सिटी ने इस ग्वर्निंग बाडी और राज्य के वित्त विभाग से पूर्व प्रवानगी लिए बिना राज्य सरकार द्वारा ठेका आधारित कर्मचारियों के लिए निर्धारित पालिसी की उल्लंघना करते हुए ऐसे कर्मचारियों को नियुक्ति के समय से वेतन बढ़ौत्रि और करीब साढे छ: करोड़ रूपये की बकाया राशि का भुगतान कर दिया। इस वेतन बढ़ौत्रि से पंजाब सरकार के खजाने पर हर महीने करीब सात लाख रूपये का अधिक बोझ पड़ रहा है। इससे भी हैरानी की बात है कि यूनिवर्सिटी ने सरकारी नियमों की धज्जियां उडाते हुए अपनी ग्वर्निंग बाडी (बोर्ड आफ मैनेजमैंट) या राज्य के वित्त विभाग से कोई पूर्व प्रवानगी नहीं ली है। इस बेनियमी संबंधी ग्वर्निंग बाडी द्वारा यूनिवर्सिटी विरूद्ध कोई कार्रवाई न किए जाना भी कई प्रकार के शंके पैदा करता है। यह भी गंभीर पड़ताल का विषय है कि उक्त गंभीर वित्तीय बेनियमी में ग्वर्निंग बाडी की अनुमति है या फिर लाप्रवाही? एल.बी.सी.टी. (लार्ड बुद्धा चैरिटेबल ट्रस्ट) के चेयरमैन और आल इंडिया एस.सी./बी.सी./एस.टी. एकता भलाई मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष दलित रत्न जगदीश राय ढोसीवाल ने उक्त दोनों मामलों में ग्वर्निंग बाडी की भेद भरी खामोशी पर हैरानी व्यक्त करते हुए गंभीर चिंता जताई है। प्रधान ढोसीवाल ने आगे कहा है कि पूरा मामला कई बार प्रैस में आने के बावजूद भी यूनिवर्सिटी की ग्वर्निंग बाडी द्वारा इस मामले संबंधी आँखें बंद किए रखना भी बहुत से प्रश्न पैदा करता है। उन्होंने आगे कहा है कि अगर अभी भी यूनिवर्सिटी की ग्वर्निंग बाडी ने उक्त दोनों बेनियमियों संबंधी कोई कार्रवाई न की तो जल्द ही बोर्ड के चेयरमैन और राज्य के वित्तीय सैक्टरी से मुलाकात करके पूरा मामला उनके ध्यान में लाया जाएगा, जिस उप्रांत उक्त गंभीर वित्तीय बेनियमी संबंधी राज्य के प्रिंसीपल सैक्टरी (फाइनांस) से मुलाकात की जाएगी।

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